Cotton farmers will get canal water from April 15

कपास की खेती करने वाले किसानों को 15 अप्रैल से नहरी पानी मिलेगा: विजय कुमार जंजुआ  

Cotton farmers will get canal water from April 15

Cotton farmers will get canal water from April 15

Cotton farmers will get canal water from April 15- राज्य में फ़सलीय विविधता को बढ़ावा देने और किसानों को कपास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा कपास की खेती करने वाले किसानों को उनकी माँग के अनुसार अप्रैल महीने के दौरान नहरी पानी मुहैया करवाने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। इस दौरान किसानों को नहरी पानी का अधिक प्रयोग करने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किया जा रहा है।  

यह जानकारी आज यहाँ मुख्य सचिव श्री विजय कुमार जंजुआ ने आज पंजाब सिविल सचिवालय में जल संसाधन, कृषि, स्कूल शिक्षा और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के उपरांत दी।  

श्री जंजुआ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद जल संसाधन और कृषि विभाग द्वारा मिलकर 15 अप्रैल से दक्षिणी मालवा की कपास पट्टी के किसानों को कपास की फ़सल की सिंचाई के लिए नहरी पानी छोडऩे की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फ़सलीय विविधता को बढ़ावा देने और पराली जलाने के रुझान पर रोक लगाने के लिए किसानों को कपास की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों द्वारा माँग की गई थी कि यदि अप्रैल महीने में नहरी पानी मिल जाए तो कपास की फ़सल के लिए बहुत लाभदायक होगा। राज्य सरकार किसानों की यह माँग इस साल पूरी करने जा रही है। इस सम्बन्धी कृषि और जल संसाधन विभाग के दरमियान बेहतर तालमेल के लिए निरंतर बैठकें करेंगे। यदि किसी किसान को कोई दिक्कत आए तो वह टोल फ्री नंबर 1100 पर कॉल कर सकता है।  

श्री जंजुआ ने बैठक के दौरान पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि नहरी पानी के चोरी होने की घटनाओं को रोकने के लिए चौकसी बढ़ाई जाए और जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि हैडक्वाटर पर ए.डी.जी.पी. रैंक के अधिकारी को स्टेट नोडल अफ़सर और कपास पट्टी के जि़लों में एस.पी. रैंक के अधिकारी को जि़ला स्तर का नोडल अफ़सर तैनात किया जाएगा।  

मुख्य सचिव ने आगे बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों को भूजल को बचाने और नहरी पानी का प्रयोग बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए कहा गया है। सुबह की प्रार्थना सभा में विशेष लैक्चर के अलावा विद्यार्थियों के इन विषयों के बारे में लेख मुकाबले, पेंटिंग और भाषण मुकाबले करवाए जाएँ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिन-ब-दिन घट रहे भूजल के स्तर को बचाने, फ़सलीय विविधता के अंतर्गत पारम्परिक फसलों के चक्र में से बाहर निकलने और धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।  

बैठक में प्रमुख सचिव जल संसाधन कृष्ण कुमार, प्रमुख सचिव कृषि सुमेर सिंह गुर्जर, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा विनय बुबलानी, डायरैक्टर कृषि गुरविन्दर सिंह और ए.आई.जी. (कार्मिक) गौरव तूरा उपस्थित थे।